The 2-Minute Rule for Hindi poetry
The 2-Minute Rule for Hindi poetry
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जीवन पाकर मानव पीकर मस्त रहे, इस कारण ही,
क्या कहता है, रह न गई अब तेरे भाजन में हाला,
तारक-मणि-मंडित चादर दे मोल धरा लेती हाला,
देख रहा हूँ अपने आगे कब से माणिक-सी हाला,
दे ले, दे ले तू मुझको बस यह टूटा फूटा प्याला,
मिले न मंदिर, मिले न मस्जिद, मिल Hindi poetry जाती है मधुशाला।।४७।
पढ़े मर्सिया दुनिया सारी, ईद मनाती मधुशाला।।२५।
Hi Good friend, First off i desire to say, This is often an great selection. If you're able to arrange the poem by makhanlal chaturvedi ji-
देखो कैसों-कैसों को है नाच नचाती मधुशाला।।४०।
'किस पथ से जाऊँ?' असमंजस में है वह भोलाभाला,
मैं तो सब्र इसी पर करता, तू पीछे पछताएगी,
स्वागत के ही साथ विदा की होती देखी तैयारी,
चित्रकार बन साकी आता लेकर तूली का प्याला,
हाथ स्पर्श भूले प्याले का, स्वाद सुरा जीव्हा भूले
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