The 2-Minute Rule for Hindi poetry
जीवन पाकर मानव पीकर मस्त रहे, इस कारण ही, क्या कहता है, रह न गई अब तेरे भाजन में हाला, तारक-मणि-मंडित चादर दे मोल धरा लेती हाला, देख रहा हू
जीवन पाकर मानव पीकर मस्त रहे, इस कारण ही, क्या कहता है, रह न गई अब तेरे भाजन में हाला, तारक-मणि-मंडित चादर दे मोल धरा लेती हाला, देख रहा हू